- तिमी सधै यो सोच -यस धर्तिमा मेरो आवश्यकता रहेछ र त भगवानले मेरो जन्म यस धर्तिको -यसै समाजमा गराइदिनु भयो ।
- .....हेर यो जीवन त्यति सानो र सिमित छैन , जति कुनै वेद, कुरान, कुनै वाइवल, त्रिपिटक वा कुनै पुस्तक रहेको हुन्छ ।
- अल्छि, लोसे, लोभी र आह्रिसे मानिसलाई देवले मात्र हैन कसैले पनी मन पराउदैनन ।
- ......विकाश र विचार भन्ने कुरा सरकारद्रारा हैन त्यो त आफैद्रारा मात्र सृर्जीत हुन्छ ।
- प्रकृती एक महान पुस्तक हो भने समय तथा परिस्थिति त्यसका कुशल शिक्षक र गाइड हुन, जसले मानिसलाई जीवनका हरेक मोडहरुमा कुशल रूपमा पार गर्दै अघि बढ्न मद्दत पुर्याइरहेको हुन्छ ।
आत्म -गौरवका कुराहरु
Followers
Translate this blog into your language to read it.
पुराना संग्रहहरु
-
▼
2008
(38)
- ► August 2008 (4)
- ► September 2008 (6)
- ▼ October 2008 (10)
- ► November 2008 (9)
- ► December 2008 (9)
-
►
2009
(36)
- ► January 2009 (8)
- ► February 2009 (5)
- ► March 2009 (6)
- ► April 2009 (3)
- ► August 2009 (3)
- ► December 2009 (5)
-
►
2010
(38)
- ► January 2010 (3)
- ► February 2010 (3)
- ► March 2010 (2)
- ► April 2010 (2)
- ► August 2010 (4)
- ► September 2010 (4)
- ► October 2010 (1)
- ► November 2010 (8)
- ► December 2010 (3)
-
►
2011
(27)
- ► January 2011 (3)
- ► February 2011 (3)
- ► March 2011 (4)
- ► April 2011 (4)
- ► August 2011 (2)
- ► October 2011 (1)
-
►
2012
(15)
- ► February 2012 (1)
- ► March 2012 (2)
- ► September 2012 (1)
- ► November 2012 (4)
- ► December 2012 (5)
-
►
2013
(44)
- ► January 2013 (3)
- ► February 2013 (1)
- ► March 2013 (5)
- ► April 2013 (3)
- ► August 2013 (4)
- ► September 2013 (3)
- ► October 2013 (1)
- ► November 2013 (1)
- ► December 2013 (5)
-
►
2014
(20)
- ► January 2014 (1)
- ► February 2014 (1)
- ► August 2014 (6)
- ► September 2014 (4)
- ► November 2014 (2)
- ► December 2014 (3)
-
►
2015
(36)
- ► January 2015 (5)
- ► February 2015 (2)
- ► March 2015 (2)
- ► April 2015 (2)
- ► August 2015 (2)
- ► September 2015 (1)
- ► October 2015 (4)
- ► November 2015 (4)
- ► December 2015 (3)
-
►
2016
(3)
- ► March 2016 (2)
- ► August 2016 (1)
-
►
2017
(1)
- ► March 2017 (1)
-
►
2018
(14)
- ► February 2018 (2)
- ► April 2018 (1)
- ► September 2018 (1)
- ► November 2018 (1)
-
►
2019
(15)
- ► March 2019 (3)
- ► April 2019 (5)
- ► October 2019 (1)
- ► November 2019 (2)
- ► December 2019 (1)
-
►
2020
(8)
- ► February 2020 (2)
- ► March 2020 (2)
- ► April 2020 (2)
- ► August 2020 (1)
-
►
2021
(2)
- ► January 2021 (1)
- ► February 2021 (1)
-
►
2022
(3)
- ► October 2022 (1)
- ► December 2022 (2)
-
►
2023
(26)
- ► January 2023 (3)
- ► February 2023 (1)
- ► March 2023 (6)
- ► April 2023 (5)
- ► August 2023 (1)
- ► September 2023 (1)
- ► December 2023 (4)
-
►
2024
(8)
- ► February 2024 (1)
- ► April 2024 (2)
- ► August 2024 (4)
यो त आदर्श का कुरा भए, वास्तविकता त फरक हुन्छ नि,साथी !
ReplyDeleteअनि मान्छे जोगी बन्छ ।
ReplyDeleteप्रेरणास्पद छन् हरफहरु! सबैले मनन गर्लान्-नगर्लान्, पछ्याउलान्-नपछ्याउलान्; त्यो भने बेग्लै कुरो हो।
ReplyDelete