- तिमी सधै यो सोच -यस धर्तिमा मेरो आवश्यकता रहेछ र त भगवानले मेरो जन्म यस धर्तिको -यसै समाजमा गराइदिनु भयो ।
- .....हेर यो जीवन त्यति सानो र सिमित छैन , जति कुनै वेद, कुरान, कुनै वाइवल, त्रिपिटक वा कुनै पुस्तक रहेको हुन्छ ।
- अल्छि, लोसे, लोभी र आह्रिसे मानिसलाई देवले मात्र हैन कसैले पनी मन पराउदैनन ।
- ......विकाश र विचार भन्ने कुरा सरकारद्रारा हैन त्यो त आफैद्रारा मात्र सृर्जीत हुन्छ ।
- प्रकृती एक महान पुस्तक हो भने समय तथा परिस्थिति त्यसका कुशल शिक्षक र गाइड हुन, जसले मानिसलाई जीवनका हरेक मोडहरुमा कुशल रूपमा पार गर्दै अघि बढ्न मद्दत पुर्याइरहेको हुन्छ ।
आत्म -गौरवका कुराहरु
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यो त आदर्श का कुरा भए, वास्तविकता त फरक हुन्छ नि,साथी !
ReplyDeleteअनि मान्छे जोगी बन्छ ।
ReplyDeleteप्रेरणास्पद छन् हरफहरु! सबैले मनन गर्लान्-नगर्लान्, पछ्याउलान्-नपछ्याउलान्; त्यो भने बेग्लै कुरो हो।
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